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हरियाली अमावस्या, श्रावण (सावन) मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को मनाया जाने वाला महत्वपूर्ण त्यौहार है। मानसून के आगमन के साथ ही प्रमुख हिंदू त्योहारों की धूम शुरू हो जाती है। हरियाली अमावस्या प्रकृति की सुंदरता की सराहना करने का दिन है। साथ ही कह सकते हैं कि इस दिन पितृों के निमित्त पौधे लगाने से समस्त प्रकार के कार्यों की सिद्धि होती है।
इस वर्ष यह पर्व 4 अगस्त 2024 को पड़ेगा।
अमावस्या तिथि प्रारंभ - 16 जुलाई 2023 रात्रि 10:08 बजे
अमावस्या तिथि समाप्त - 18 जुलाई 2023 प्रातः 12:01 बजे
हरियाली अमावस्या का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। श्रावण मास की अमावस्या अन्य अमावस्याओं की तुलना में अधिक महत्वपूर्ण मानी जाती है। बारिश के मौसम में हरियाली अमावस्या का पर्व धूमधाम से मनाया जाता है, जिसमें प्रकृति की सुंदरता का आनंद लिया जाता है। इस दिन भगवान शिव की पूजा की जाती है। यह त्योहार भारत के उत्तरी राज्यों जैसे राजस्थान, उत्तर प्रदेश और हिमाचल प्रदेश में विशेष रूप से प्रसिद्ध है। हालाँकि, इसे देश के कई अन्य भागों में भी मनाया जाता है, लेकिन अलग-अलग नामों से जाना जाता है। इसे महाराष्ट्र में गटारी अमावस्या, आंध्र प्रदेश में चुककल अमावस्या और उड़ीसा में चितलगी अमावस्या के रूप में मनाया जाता है। हमारे देश में विभिन्न संस्कृतियां हैं, सभी के अलग-अलग रिवाज और परंपराएं हैं। उसी के आधार पर यह त्योहार मनाया जाता है। इस दिन पौधे लगाकर प्रकृति का धन्यवाद दिया जाता है।
हरियाली अमावस्या के दिन कई राज्यों में भव्य मेले का आयोजन किया जाता है। इस दिन मंदिरों में जाकर पूजा-अर्चना की जाती है। खासकर मथुरा और वृंदावन में इस पर्व की धूम देखने को मिलती है। भगवान कृष्ण के भक्त विशेष दर्शन के लिए मथुरा के बाँके बिहारी मंदिर, द्वारकाधीश और वृंदावन जाते हैं। वृंदावन में बाँके बिहारी मंदिर में एक फूल बंगला है, जो भक्तों के बीच काफी प्रसिद्ध है। हरियाली अमावस्या के दिन कृष्ण मंदिरों के अलावा विभिन्न शिव मंदिरों में विशेष शिव दर्शन का आयोजन किया जाता है।
हरियाली अमावस्या का दिन पूर्वजों को समर्पित होता है। इस दिन श्रद्धालुओं को प्रातः जल्दी उठकर स्नान करना चाहिए। इसके बाद अपने पूर्वजों को प्रसन्न करने के लिए पूजा करनी चाहिए, साथ ही ब्राह्मण भोजन करवाकर पितृों का प्रसन्न कर सकते हैं। इसके अलावा, श्रद्धालु इस दिन भगवान शिव की भी पूजा करते हैं और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद लेते हैं। साथ ही, भगवान शिव को समर्पित मंत्रों का जाप करना भी बहुत शुभ माना जाता है। इस दिन भगवान शिव के मंदिरों में विशेष अनुष्ठानों का आयोजन किया जाता है। श्रद्धालु अपने इष्ट देव महादेव के दर्शन कर उनके प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हैं। साथ ही, महिलाएं अपने पति की कुशलता के लिए भी प्रार्थना करती हैं। इस दिन पूजा का विधि पूर्ण होने के बाद ही भोजन करना चाहिए।
जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है, हरियाली अमावस्या के दिन हरियाली का बहुत महत्व होता है। यह त्योहार श्रावण मास में पड़ता है, तब तक प्रकृति हरियाली की चादर से ढकी रहती है। यदि आप इस दिन कोई पौधा लगाकर और उसकी देखभाल करते हैं, तो आपको पुण्य की प्राप्ति होती है और मनोकामना पूरी होती है।
1. धन प्राप्त करने के लिए – तुलसी, आंवला, बिल्वपत्र और केले का वृक्ष लगाना चाहिए।
2. अच्छे स्वास्थ्य के लिए – आंवला, पलाश, ब्राह्मी, अर्जुन, तुलसी और सूरजमुखी के पौधे लगाना चाहिए।
3. भाग्य वृद्धि के लिए – अर्जुन, अशोक, नारियल या वट का वृक्ष लगाएं।
4. संतान प्राप्ति के लिए – बिल्व, नीम, नागकेशर, पीपल या अश्वगन्धा के वृक्ष लगाएं।
5. सुख- समृद्धि के लिए – कदम्ब, नीम या धनी छायादार वृक्ष लगाएं।
6. जीवन में सुख-शांति के लिए – पारिजात, मोगरा, रातरानी और गुलाब के पौधे लगाएं।
इस बार हरियाली अमावस्या अगस्त 04 (रविवार) को आ रही है। आप अपने घर पर अपनी पसंद के अनुसार पौधे लगा सकते हैं।
