मां कालरात्रि की पूजा से भगाएं जीवन से शत्रु

मां कालरात्रि की पूजा से भगाएं जीवन से शत्रु

मां कालरात्रि की पूजा से भगाएं जीवन से शत्रु

चैत्र नवरात्रि के सातवें दिन माता कालरात्रि की पूजा की जाती है। साल 2025 में चैत्र नवरात्रि का सातवां दिन 4 अप्रैल को मनाया जाएगा। जैसा कि माता का नाम है वैसा ही उनका रूप भी है। वे महाकाली की तरह हैं। माता का रूप घोर अंधकार वाला जरूर है, लेकिन वे जीवन को प्रकाश से भर देती है। माता समस्त प्रकार के सुख और ऐश्वर्य को देने वाली मानी जाती है।   64 Yogini Mahakali Tnatrik Puja  

ऐसा है मां कालरात्रि का स्वरूप

मां कालरात्रि का स्वरूप घोर काला है। उनके बाल खुले और बिखरे हुए लगते हैं। कई बार उनका रूप गुस्से वाला बताया जाता है। हालांकि उनकी प्रकृति बेहद शांत है। माता का वाहन गर्दभ (गधा) है। कहते हैं आकाशीय बिजली से भी तेज उनका प्रहार होता है। मधु-कैटभ को मारने में मां का विशेष योगदान था। मां का भय केवल दुष्टों के लिए हैं। अपने भक्तों को परम सौभाग्य देने वाली और विशेष फलदायी मानी गई है। शुभ फल देने के कारण उनका एक नाम शुभंकरी भी है।

उनकी सांसे हैं आग की ज्वाला

मां जब गुस्से में शत्रु पर आक्रमण करती हैं, तो उनकी श्वास से आग निकलती है। मां की मुद्रा अभय दान देने वाली और वर देने वाली मानी जाती है। उनके हाथ में कांटों से बना अस्त्र है। एक हाथ में वे खड्ग भी धारण करतीं हैं। मां की आराधना से भूत-प्रेत आदि भाग जाते हैं। राहु, केतु, शनि जैसे ग्रहों की पीड़ा भी मां कालरात्रि की पूजा से दूर हो जाती है।

बहुत महत्वपूर्ण है महासप्तमी

नवरात्रि का सातवां दिन माता की पूजा का दिन है। इस दिन को महासप्तमी भी कहा जाता है। कई प्रकार के तांत्रिक अनुष्ठान भी महासप्तमी की रात को होते हैं। सप्तमी को सरस्वती आह्वान का दिन भी कहा जाता है। इस विशेष दिन दुर्गा सप्तशती का पाठ करना चाहिए।

देवी कालरात्रि के मंत्र

या देवी सर्वभू‍तेषु माँ कालरात्रि रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।। या ॐ कालरात्रि देव्यै नमः , इस मंत्र का 108 बार जाप करें।

कालरात्रि देतीं हैं सिद्धियां

मां कालरात्रि शत्रुओं का विनाश करने वाली हैं। उनका स्मरण करते ही नकारात्मकता दूर हो जाती है। यदि आपको अकेले रहने में डर लगता है, तो आप माता की विशेष आराधना कर सकते हैं। अग्नि, जल, भूत, जंगल, शत्रु, अंधकार, निर्धनता, बीमारी को जीतने की क्षमता यदि प्राप्त करना है, तो माता कालरात्रि की विशेष पूजा जरूर करना चाहिए। राहु की महादशा में मां कालरात्रि की पूजा करने से काफी लाभ होता है। मांको पूजा गुड़ का भोग लगाना चाहिए।   Marraige Report 2025

लेखक के बारे में: टीम त्रिलोक

त्रिलोक, वैदिक ज्योतिष, वास्तु शास्त्र और धार्मिक अध्ययनों के प्रतिष्ठित विषय विशेषज्ञों (Subject Matter Experts) की एक टीम है। प्राचीन ज्ञान और आधुनिक संदर्भ के समन्वय पर केंद्रित, त्रिलोक टीम ग्रहों के प्रभाव, आध्यात्मिक अनुष्ठानों और सनातन धर्म की परंपराओं पर गहन और शोध-आधारित जानकारी प्रदान करती है।

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