चंद्रमा कैसे बनाता है केमद्रुम दोष ? क्या है इसके दुष्परिणाम ?

चंद्रमा कैसे बनाता है केमद्रुम दोष ? क्या है इसके दुष्परिणाम ?

चंद्रमा कैसे बनाता है केमद्रुम दोष ? जानिए दुष्परिणाम ?

ज्योतिष में चंद्रमा को शुभ ग्रह मानते हैं, लेकिन चंद्रमा एक दोष ऐसा बनाता है, जो सभी दोषों पर भारी है। कुंडली में केमद्रुम दोष चंद्रमा से बनता है। यह चंद्रमा से बनने वाले सबसे अधिक खराब दोषों में से एक है। यदि कोई व्यक्ति कुंडली में केमद्रुम दोष से पीड़ित हो, तो जीवन में कई तरह के कष्टों को सामना करना पड़ता है। चंद्रमा का सीधा संबंध मन से है, ऐसे में केमद्रुम दोष से पीड़ित व्यक्ति उदासीन हो जाता है। छोटी- छोटी बात पर परेशान होकर वह गलत रास्ता चुन लेता है।

कब बनता है केमद्रुम दोष

कुंडली में जब चंद्रमा से एक घर आगे या एक घर पीछे कोई ग्रह ना हो और चंद्रमा के साथ युति में भी कोई ग्रह ना हो, तो केमद्रुम दोष बनता है। इस दोष में पैदा हुआ व्यक्ति कई बार पैसा कमाने के लिए संघर्ष करता रहता है। इसके साथ कई बार ऐसा व्यक्ति अशिक्षित, कम पढ़ा लिखा, धनहीन, व्यर्थ बातचीत करने हो सकता है। कई बार ऐसा व्यक्ति चिड़चिड़े स्वभाव का भी होता है। यदि यह केमद्रुम दोष वृश्चिक राशि में बनता है, तो और भी मुश्किल देने वाला समय होता है।

केमद्रुम दोष के दुष्प्रभाव

- व्यक्ति निराशा में जल्दी चला जाता है। - व्यक्ति डिप्रेशन का शिकार हो सकता है। - आय को लेकर संघर्ष कर सकता है। - व्यक्ति निर्धन भी हो सकता है। - जिस भाव में केमद्रुम दोष होता है, उस भाव से संबंधित अच्छे परिणाम नहीं मिलते हैं।

कब भंग जाता है केमद्रुम दोष

कुंडली में केमद्रुम दोष बना रहे चंद्रमा पर यदि किसी शुभ ग्रह की दृष्टि पड़ जाती है, तो केमद्रुम दोष भंग हो जाता है। जैसे चंद्रमा पर बृहस्पति, शुक्र या बुध की सीधी दृष्टि अगर पड़ती है, तो चंद्रमा का केमद्रुम दोष भंग हो जाता है। हालांकि केमद्रुम दोष के भंग होने के बाद भी आपको चंद्रमा से संबंधित कुछ उपाय करते रहना चाहिए।

केमद्रुम दोष को दूर करने के साधारण उपाय

- सोमवार का व्रत रखें और भगवान शिव का जलाभिषेक करें। - प्रत्येक पूर्णिमा पर चंद्रमा को अर्घ्य दें। - पूर्णिमा का व्रत रखें और श्री सुक्त का पाठ करें। - बच्चों को दूध से बनी मिठाइयां बांटते रहें। - चंद्रमा के बीज मंत्र या तांत्रिक मंत्र का निर्धारित संख्या में जाप करें। - अपने जन्म नक्षत्र, जन्म दिन या किसी भी शुभ अवसर पर रुद्राभिषेक करवाएं। - भगवान शिव के पंचाक्षर मंत्र का जाप करें। - चंद्र ग्रह शांति पूजा में भाग लें।

लेखक के बारे में: टीम त्रिलोक

त्रिलोक, वैदिक ज्योतिष, वास्तु शास्त्र और धार्मिक अध्ययनों के प्रतिष्ठित विषय विशेषज्ञों (Subject Matter Experts) की एक टीम है। प्राचीन ज्ञान और आधुनिक संदर्भ के समन्वय पर केंद्रित, त्रिलोक टीम ग्रहों के प्रभाव, आध्यात्मिक अनुष्ठानों और सनातन धर्म की परंपराओं पर गहन और शोध-आधारित जानकारी प्रदान करती है।

प्रामाणिकता के प्रति समर्पित, इस टीम में प्रमाणित ज्योतिषी और वैदिक विद्वान शामिल हैं, जो यह सुनिश्चित करते हैं कि प्रत्येक लेख शास्त्र-सम्मत और तथ्यपरक हो। सटीक राशिफल, शुभ मुहूर्त और धार्मिक पर्वों की विस्तृत जानकारी चाहने वाले पाठकों के लिए त्रिलोक एक विश्वसनीय और आधिकारिक स्रोत है।

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