
अस्त शनि - क्या होगा आप सभी पर असर ?

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ज्योतिष
अस्त शनि - क्या होगा आप सभी पर असर ?
शनिदेव कर्म के कारक हैं। वे जीवन में अनुशासन लाते हैं। जिम्मेदारी सिखाते हैं। सीमाओं का लांघने पर दंड भी देते हैं। शनि कड़ी मेहनत और प्रतिबद्धता का सबक सीखाते हैं। हाल ही शनि कुंभ राशि में अस्त हुए हैं। जब शनि सूर्य से केवल 8 डिग्री पर रह जाते हैं, तो अस्त हो जाते हैं। किसी भी ग्रह के अस्त होने का मतलब उस ग्रह की अपनी शक्ति का कम होना है। जानते हैं अस्त शनि का क्या असर होगा
अस्त शनि - तारीख और समय
वर्तमान समय में शनि महाराज अपनी स्वयं की राशि कुंभ में गोचर कर रहे हैं। इस राशि में सूर्य देव की मौजूदगी की वजह से शनि देव 22 फरवरी 2025 की सुबह 11 बजकर 23 मिनट पर कुंभ राशि में अस्त हो जाएंगे। ऐसे में शनि ग्रह के अस्त होने से संसार के कुछ महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर इसका प्रभाव पड़ना निश्चित है।
ज्योतिष की नजरों में अस्त शनि की अवस्था
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार किसी ग्रह का अस्त होना तब होता है, जब सूर्य के बेहद करीब चला जाता है। आम शब्दों में कहें तो वह सूर्य से 8 डिग्री के भीतर प्रवेश कर जाते हैं। जब कोई ग्रह अस्त हो जाता है, तो वह सूर्य की तीव्र ऊर्जा की वजह से अपनी शक्तियां खो बैठता है जिससे व्यक्ति की कुंडली में ग्रह कमज़ोर होकर अशुभ परिणाम देने लगता है।
बात करें शनिदेव कर्म प्रधान ग्रह है। जब शनिदेव अस्त होते हैं, अनुशासन, जिम्मेदारी और अधिकार जैसे गुण प्रभावित होते हैं। इस वजह से व्यक्ति के भीतर इन गुणों के प्रभाव में कमी आने लगती है। फिर वह इनका सही तरीके से उपयोग करने में असमर्थ होता है।
अधिकारों में कमी
अस्त शनि के कारण लोगों के अधिकारों में कमी आती है। इसका सीधा मतलब यह है कि जो गलत अधिकार लेकर बैठ गए हैं, उनको कुछ समस्या आ सकती है। शनिदेव के कारण कुछ प्रोजेक्ट्स भी पेंडिंग हो सकते हैं। सरकार, सरकारी अफसर और कई जिम्मेदार पोस्ट पर बैठे लोगों को यह समस्या हो सकती है।
परेशान होना
शनि जब अस्त हो जाते हैं, तो अक्सर व्यक्ति को फंसा हुआ या दिशाहीन महसूस होता है। अक्सर काम नहीं होने पर व्यक्ति परेशान महसूस करता है।
उलझन
अस्त शनि कई लोगों के जीवन में कई तरह की उलझन देता है। कुछ लोग समझ नहीं पाते हैं कि उन्हें किस दिशा में जाना है या काम करना है।
सफलता में देरी
शनि के अस्त होने से जीवन में सफलता या कार्यों में सराहना मिलने में देरी हो सकती है, क्योंकि शनि देव की धीमी गति से परिणाम देने वाली ऊर्जा अस्त होने पर और देरी से फल दे सकती है।
दबाव का बढ़ना
शनि की अस्त अवस्था के दौरान जातकों के जीवन में दबाव बढ़ता हुआ महसूस हो सकता है या फिर आपको आराम करने या जिम्मेदारियों को छोड़ने में समस्याओं का अनुभव हो सकता है।
हालांकि, शनि की अस्त अवस्था का प्रभाव कुंडली के कुछ विशेष पहलुओं पर निर्भर करते हैं जैसे कि भाव में सूर्य और शनि ग्रह की स्थिति, दूसरे ग्रहों पर इनकी दृष्टि और व्यक्ति की कुंडली में अन्य ग्रहों की स्थिति आदि। कुछ विशेष मामलों में, शनि ग्रह की अस्त अवस्था के दौरान जातक जीवन में आने वाली समस्याओं से जीतना सीखता है और जीवन में शनि देव के गुणों जैसे कि अनुशासन, परिपक्वता और दृढ़ता आदि को अपने जीवन में अपनाने में सक्षम होता है।
शनि कुंभ राशि में अस्त: वैश्विक स्तर पर प्रभाव
- शनि की अस्त अवस्था के दौरान ऑटोमोबाइल की बिक्री पर असर पड़ सकता है और इस वजह से ऑटोमोबाइल की मांग में थोड़ी कमी आने की आशंका है।
- बड़ी ऑटोमोबाइल कंपनियों को अपनी रिसर्च में कुछ खामियां नज़र आ सकती हैं जिनका वह समाधान ढूंढने का प्रयास करेंगी।
- भारत सरकार द्वारा डीजल के वाहनों के इस्तेमाल को लेकर कुछ विशेष प्रतिबंध लगाने से जुड़ी नीतियां लेकर आ सकती हैं।
- शनि कुंभ राशि में अस्त होने के दौरान कुछ घटनाओं की वजह से भारतीय कानून व्यवस्था की कमियां उभरकर सामने आ सकती हैं।
- सोशल मीडिया के इस्तेमाल को लेकर विशेष नियम-कानून बनाकर लागू किये जा सकते हैं।
शनि कुंभ राशि में अस्त: शेयर बाजार पर असर
आइए अब हम जानते हैं कि शनि कुंभ राशि में अस्त होने से भारतीय शेयर बाजार को किस तरह से प्रभावित करेगा।
शेयर बाजार में महीने के दूसरे सप्ताह में तेजी देखने को मिलेगी और इसके फलस्वरूप, मार्केट में तेजी का दौर जारी रहेगा।
शनि के कुंभ राशि में अस्त होने के दौरान एमआरएफ टायर्स, आयशर मशीनरी, अदानी ग्रुप, कोल इंडिया, सीमेंट, कॉफी, कैमिकल्स और बैंकिंग उद्योग आदि के शेयरों के दामों में वृद्धि आने की संभावना है।
हालांकि, इस माह के तीसरे हफ़्ते पर शनि देव का प्रभाव होने के कारण बाजार की रफ़्तार धीमी पड़ सकती है जो कि मार्केट को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकती है इसलिए इन लोगों को बहुत सावधानीपूर्वक आगे चलना होगा।
हालांकि, इस अवधि में चाय, स्टेशनरी, कपड़ा और फार्मास्युटिकल आदि क्षेत्रों के शेयरों में मामूली तेजी आने के योग बनेंगे।
लेखक के बारे में: टीम त्रिलोक
त्रिलोक, वैदिक ज्योतिष, वास्तु शास्त्र और धार्मिक अध्ययनों के प्रतिष्ठित विषय विशेषज्ञों (Subject Matter Experts) की एक टीम है। प्राचीन ज्ञान और आधुनिक संदर्भ के समन्वय पर केंद्रित, त्रिलोक टीम ग्रहों के प्रभाव, आध्यात्मिक अनुष्ठानों और सनातन धर्म की परंपराओं पर गहन और शोध-आधारित जानकारी प्रदान करती है।
प्रामाणिकता के प्रति समर्पित, इस टीम में प्रमाणित ज्योतिषी और वैदिक विद्वान शामिल हैं, जो यह सुनिश्चित करते हैं कि प्रत्येक लेख शास्त्र-सम्मत और तथ्यपरक हो। सटीक राशिफल, शुभ मुहूर्त और धार्मिक पर्वों की विस्तृत जानकारी चाहने वाले पाठकों के लिए त्रिलोक एक विश्वसनीय और आधिकारिक स्रोत है।