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सावन में शनि अपनी ही कुंभ राशि में विराजमान होकर शश योग बना रहे हैं। यह पूरी ज्योतिषीय घटना तीस साल बाद हो रही है। हालांकि शनि अभी वक्री चल रहे हैं, लेकिन शश योग बनाने के कारण कई लोगों को इससे फायदा होगा। दरअसल, शनिदेव को भगवान शिव का प्रिय भक्त बताया गया है। पूरे सावन में शिव के साथ शनि की पूजा समस्त सुख प्रदान करती है। इस समय मकर, कुंभ और मीन राशि को साढ़ेसाती जरूर चल रही है, लेकिन शनि की विशेष कृपा भी इन राशियों को प्राप्त होगी। हम आपको बता रहे हैं कि शनि किन राशियों को सावन में बेहद मालामाल करने वाले हैं, साथ ही शनि की विशेष कृपा प्राप्त करन के लिए सावन में क्या करें।
मिथुन राशि
मिथुन राशि और लग्न दोनों के लिए शनि सावन में शुभ समाचार लेकर आएंगे। मिथुन राशि के लोगों को कामयाबी और तरक्की मिलेगी और आय बढ़ेगी। इस दौरान हालांकि आपको बार-बार ट्रैवल करना पड़ सकता है। कई अच्छे लोगों से भी मुलाकात होगी। सामाजिक कार्यों में आपको थोड़ा ध्यान रखना होगा।
मकर राशि
मकर राशि के लोगों को इस समय साढ़ेसाती चल रही है, लेकिन फिर भी सावन में शनिदेव का वक्री काल मकर राशि को कुछ अच्छे लाभ देगा। इस समय आर्थिक स्थिति सुधरेगी और साथ में काम करने वालों का पूरा सहयोग भी आपको मिलेगा। आपको समय पर काम करने की आदत डालना होगी।
कुंभ राशि
सावन में शनि देव आपकी राशि में है। ऐसे में कुंभ लग्न या राशि वालों को वक्री शनि का लाभ भी होगा। कुछ पुराने काम जल्दी पूरे हो जाएंगे। परिश्रम का लाभ मिलेगा और नौकरी और व्यवसाय में नए अवसर मिलेंगे। इस दौरान आपको लगेगा कि जीवन में काफी परेशानियां कम हुई है। फिर भी आप अपने कार्यों में ईमानदारी से प्रयास करते रहें।
मीन राशि
मीन राशि पर भी शनि की साढ़ेसाती चल रही है, लेकिन सावन में वक्री शनि का योग कई जातकों को फायदा देगा। इस दौरान भाग्य आपका साथ देगा और कई अच्छी खबरें भी मिलेंगी। जीवन में चल रही साढ़ेसाती का दुष्प्रभाव भी कम होगा। आपके लिए आने वाला महीना अच्छा रहेगा।
- शनि देव को प्रसन्न करने के लिए सावन में प्रतिदिन भगवान शिव का जलाभिषेक करें।
- शिव मंदिर में शनि देव का ध्यान करते हुए सरसों के तेल का दीपक प्रज्वलित करें।
- सावन में साथ काम करने वालों या अधीनस्थ काम करने वालों को कोई उपहार दें।
- किसी जरूरत मंद व्यक्ति को तेल इत्यादि वस्तुओं का दान करें।
- शिव मंदिर में शाम के समय शनि मंत्रों का जाप करें।
- कावड़ यात्रा में शामिल लोगों के लिए जलपान की व्यवस्था करें।
- सावन में प्रतिदिन दशरथकृत शनि स्तोत्र का जाप करें।
